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भावना कोठारी

भावना कोठारी हिन्दी में कविताएँ लिखती हैं। गोवा के एक छोटे से तटीय गाँव मंदरेम में रहती हैं। वह योग दर्शन और ध्यान की शिक्षिका के रूप में  वहाँ एक योग रिट्रीट में कार्यरत हैं। 


इंस्टाग्राम - @bhavnakothari_artyogalife

आज का दिन

कुछ ना करो


बैठे रहो


देखो 


ख़ाली दीवारे


गिरते पत्ते 


मकड़ी के जाले 


बारिश की बूँदे 


शाम की स्याही 


सूरज का उगना 


परिंदों के गाने


सूखते फूल 


देखो जब तक 


यह बात करें ।


जब थक जाओ 


तो रुक जाओ 


मूँदो आँखें 


सो जाओ ।


कल नहीं आते 


कल नहीं जाते


आज का दिन हैं


बस जी लो ।

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